छोटे बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाएं? ऐसे सिखाएं बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का 5 तरिका

छोटे बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाएं? ऐसे सिखाएं बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का 5 तरिका


आजकल के डिजिटल युग में कंप्यूटर के ज्ञान बच्चों को देना उचित समझा जाता है ऐसे में आइए जानते हैं की छोटे बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाएं?



अगर आपके बच्चें में कंप्यूटर को लेकर और इसे जानने की जिज्ञासा है तो बच्चों को कंप्यूटर सिखाया जा सकत है। जैसा की आपको पता है कंप्यूटर सीखना कई बच्चों की चाहत होती है ऐसे में देखा जाए तो इस तरह की शिक्षा लेने में कोई भी बच्चा पीछे नही रहने वाले हैं। बस उन्हें सही सा एक राह की आवश्कता है।

छोटे बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाएं? बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का 5 तरिका
छोटे बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाएं? ऐसे सिखाएं बच्चों को कंप्यूटर सिखाने का 5 तरिका


आइए जानते हैं की छोटे बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाया जाता है? बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाएं? Chhote bacchon ko Computer kaise sikhayen?

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छोटे बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाएं?

छोटे बच्चों को कंप्यूटर की ज्ञान देने के लिए उन्हें कंप्यूटर की पहचान कराने से लेकर विंडो और फ़ाईल की जानकारी दिया जा सकता है। अगर आपके बच्चें की उम्र 10 साल से अधिक है तो कंप्यूटर की शिक्षा देने में आसानी होगी। क्योंकि कंप्यूटर सिखने के लिए मानसिक रूप से भी तैयार रहना आवश्यक होता है।



ये हैं बच्चें को कंप्यूटर सिखाने के तरिका

1. कम्प्यूटर की पहचान कराएं

छोटे बच्चों को कंप्यूटर सिखाने के लिए सबसे पहले उन्हे कंप्यूटर से परिचय कराएं और उनकी होने वाले उपयोग के बारे में बताएं। किसी भी विषय की शुरुआत करने से पहले उनकी पहचान कराना आवश्यक होता है।


2. कंप्यूटर के उपकरणों से परिचय कराएं

शुरूआत में आपको यह ध्यान देना होगा की बच्चें को आप कोई प्रोफेशनल कोर्स की जिम्मेदारी नही दे सकतें हैं इसीलिए उन्हें अभी उन चीजों से अवगत कराएं जो उन्हे सभी दिन काम आए। बच्चों को कंप्यूटर में उपयोग होनेवाले उपकरणों का ज्ञान दें जैसे की स्क्रीन जिसे मॉनिटर भी कहा जाता है और CPU इत्यादी।

चलिए इन सब को विशेष रूप से जानते हैं

कम्पुटर में उपयोग होने वाले प्राथमिक उपकरण

CPU

कंप्यूटर की सबसे जरूरी उपकरणों में से एक सीपीयू होता है जिसे कंप्यूटर की दिमाग कहा जाता है जो की कंप्यूटर को सारी प्रक्रिया को कार्य देने की कार्य होता है। और इसी में HDD लगे होते हैं जिसमें कंप्यूटर की सारी डाटा और गतिविधि यही पर एकत्रित और सुरक्षित होती है।


Monitor

यह कंप्यूटर की स्क्रीन होती है जिस पर उनमें होनेवाले प्रक्रिया को देख सकतें हैं जिसकी मदद से किसी भी प्रकार की फ़ाईल या टैक्स्ट लिखते वक्त इसी मॉनिटर पर ही दिखती है। इन सब के अलावा इसपर मूवी या कोई चित्र देखने की कार्य में लिया जाता है।

Keyboard

यह कंप्यूटर की वह यूनिट है जिसकी माध्यम से किसी भी प्रकार की इनपुट आदेश दिया जाता है जिनमें एबीसीडी के पुरे शब्द के साथ अंकीय अंक और गणितीय चिन्ह भी मौजुद होते हैं। जिन्हे किसी भी प्रकार की हिसाब-किताब और जरूरी आदेशों के कार्य में लिया जाता है।


Mouse

यह कंप्यूटर की एक विशेष इकाई है जिनकी मदद से मॉनिटर पर दिख रहें प्रक्रिया को सेलेक्ट और इसे कमांड देने की कार्य करता है। इसे एक जगह पर रखकर इधर-उधर हिलाने से मॉनिटर पर बने तीर को उसे सामग्री के जगह पर ले जाकर उसे कमांड दिया जा सकता है। इसके अलावा इसपर दो बटन भी होते हैं एक लेफ्ट साइड जिसे लेफ्ट की कहतें हैं और एक राइट साइड जिसे राइट की कहतें हैं जिसे क्लिक करने के उपरांत काम करती है इन दोनो बटन के बीच में एक स्क्रोल चक्री होती है जिसे घुमाने से मॉनिटर पर दिख रहे फ़ाईल को ऊपर नीचे देख सकतें हैं।


UPS

जैसा की आप जानते हैं की कंप्यूटर एक इलेक्ट्रिक उर्जा पर चलने वाली यंत्र है। जिसे चलाने के लिए बिजली की जरूरत होती है। लेकिन इसका सबसे बड़ी समस्या यह है की अगर आप किसी कार्य को कंप्यूटर की माध्यम से कर रहे हो और उसी वक्त बिजली चली जाती है तो आपकी कार्य ठप हो जाएगा। लेकिन इसका भी एक निदान है जो कंप्यूटर में बाहर से एक उर्जा की यंत्र लगे होते हैं जिसे यूपीएस UPS कहा जाता है यह एक पावर सिस्टम है जो की बिजली चली जाने पर इसे उपयोग में लिया जा सकता है जिसकी माध्यम से कुछ वक्त के लिए कंप्यूटर को चलाया जाता है।


इन सब के अलावा और भी कई ऐसे यंत्र है जो एक कंप्यूटर के साथ जोड़े जाते हैं जैसे इंटरनेट, कैमरा, गेम स्टेशन इत्यादी।


3. कंप्यूटर को स्टार्ट और बन्द करना सिखाएं

बच्चों को कंप्यूटर सिखाने के लिए सबसे पहलें कंप्यूटर स्टार्ट और बन्द करना बताएं। बहुत से ऐसे होंगे जो यह सोचेंगे की इसमें क्या सिखाने वाली बात है। लेकिन इसकी भी एक सुरक्षित प्रक्रिया होती है। जिसे अगर नियम के अनुसार पालन नही किया जाए तो इसका नुकसान लम्बे समय के बाद देखा जा सकता है।


4. फ़ाईल को सेव और खोलना सिखाएं

किसी भी कार्य करने के लिए फ़ाईल को खोलना होता है जिसे उस फ़ाईल के ऊपर पॉइंटर को ले जाने के बाद डबल क्लिक करने से उस फ़ाईल को Open किया जा सकता है। और इसके बाद उसे सुरक्षित रूप से बन्द करना सिखाएं।


5. Mouse चलाना सिखाएं

बहुत से बच्चें की यह परेशानी हो सकती है की उन्हें शुरूआत के दिनों में mouse चलाने में दिक्कत हो सकती है। इसे एक सुव्यवस्थित तरिकें से चलाने के लिए कई प्रकार की गेम मौजुद हैं जिसे कंप्यूटर में install करने के बाद इसे mouse के द्वारा खेला जाता है जिससे आपको mouse की पॉइंटर को सही दिशा में ले जाने की आदत हो जायेगा।

इस तरह से बच्चों को कंप्यूटर की प्राथमिक जानकारी दिया जा सकता है जिससे की वह भी कंप्यूटर की प्राथमिक ज्ञान हासिल करने में उन्हे किसी भी प्रकार की दिक्कत की सामना ना करना पड़ें।

इसमें आगे भी अप्डेट किया जायेगा जिससे कंप्यूटर की सारी जानकारी आसानी से सिखाया जा सकता है।


आशा और उम्मिद है की यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा जिसमें जाना की बच्चे को कंप्यूटर कैसे सिखाया जाता है? और छोटे बच्चों को कंप्यूटर कैसे सिखाएं? इसके साथ बच्चों को कंप्यूटर सिखाने के आसान तरीका बताया गया है। इससे जुड़े किसी भी प्रकार की प्रश्न या सुझाव है तो हमें जरूर भेजे।

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